महात्मा गाँधी (1869ई. - 1948 ई.) |
महात्मा गाँधी (Mahatma Gandhi)
- पूरा नाम - मोहनदास करमचंद गाँधी
- पिता - करमचंद गाँधी (उपनाम - कबा (kaba)गाँधी था और ये पोरबंदर , राजकोट , एवं बीकानेर राज्यों के दीवाने थे। )
- माता - पुतलीबाई
- जन्म - 2 अक्टूबर, 1869 ई.
- मृत्यु - 30 जनवरी , 1948 ई.
- जन्म स्थान - पोरबंदर (गुजरात)
- प्रारम्भिक शिक्षा - राजकोट में हुई
- विवाह - 1883 ई. में कस्तूरबा गाँधी से (13 वर्ष की अल्प आयु में)
- पुत्र - हीरालाल , मणिलाल , देवदास , रामदास (जमुनालाल को गाँधी जी का 5वां पुत्र कहते है)
- राजनैतिक गुरु - गोपालकृष्ण गोखले
- प्रमुख शिष्य - इंग्लैंड में जन्मी मीरा बेन (इनका वास्तविक नाम मैडलीफ स्लेड था /मीरा नाम गाँधी जी ने दिया था )
- सिद्धांत - सत्य एवं अहिंसा
- आत्मकथा - सत्य के साथ मेरे प्रयोग (1925)
- गाँधी जी दार्शनिक अराजकतावादी के समर्थक थे।
- गाँधी जी को दक्षिण अफ्रीका के पीटरमारितसबर्ग रेलवे स्टेशन से फेका गया था।
- गाँधी जी ने दक्षिण अफ्रीका में सेवाधर्म अपनाया था।
- गाँधी जी के भतीजे मगन लाल गाँधी द्वारा प्रयुक्त शब्द 'सदाग्रह' में सुधार कर इसे महात्मा गाँधी ने "सत्याग्रह" शब्द में परिवर्तित किया था।
- गाँधी जी ने अपने दक्षिण अफ्रीका में प्रवेश के दौरान जॉन रस्किन (John Ruskin) की पुस्तक 'अन्टू दिस लास्ट (Unto This Last)' पढ़ी थी जिसने गाँधी जी का जीवन परवर्तित कर दिया था।
- गाँधीवादी विचारधारा थोरो , रस्किन और टालस्टाय लेखकों से सर्वाधिक प्रभावित रही है।
- नोआखाली काल में प्यारे लाल महात्मा गाँधी के सचिव थे।
- गाँधी जी के अनुयायियों में से एक राजेंद्र प्रसाद पेशे से एक शिक्षक थे।
- स्वाधीनता आंदोलन के दौरान गाँधी जी के करीबी अंग्रेज मित्र रेवरेंड चार्ली एंड्रूज (उपाधि - दीनबंधु ,जो गाँधी जी ने दी थी ) थे। एंड्रूज 1925 और 1927 में आल इंडियन ट्रैड यूनियन (All Indian Trade Union) के अध्यक्ष भी रहे थे।
- यरवदा कारागार (महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित) को गाँधी जी ने 'मन्दिर' का नाम दिया था।
- भारत की स्वाधीनता के समय महात्मा गाँधी कांग्रेस के सदस्य नहीं थे।
- गोपाल कृष्ण गोखले ने महात्मा गाँधी को आदेशित किया की वह भारत में प्रथम वर्ष "खुले कान के साथ लेकिन मुँह बंद कर " व्यतीत करे।
- महात्मा गाँधी ने भारत में अपना पहला जनभाषण वाराणसी में दिया था।
- गाँधी जी का नवाचार (गांधियन इनोवेशन) था कि काम निवेश अधिक उत्पादन अधिक लोगो के लिए।
- महात्मा गाँधी जी की मृत्यु पर जवाहरलाल नेहरू ने कहा था की "हमारे जीवन से प्रकाश चला गया है "
- महात्मा गाँधी से सम्बंधित घटनाये :-
- 1888 ई. - कानून की पढ़ाई के लिये इंग्लैंड गये।
- 1891 ई. - कानून (बैरिस्टर) की डिग्री प्राप्त कर इंडिया वापस आये और राजकोट व मुंबई में वकालत शुरू की
- 1893 ई. - अब्दुल्ला के मुक़दमे के लिए दक्षिण अफ्रीका गये
- 1894 ई. - दक्षिण अफ्रीका में नेटल कांग्रेस की स्थापना की।
- 1896 ई. - द ग्रीन पैम्पलेट पत्रिका (14 अगस्त , राजकोट)
- 1899 ई. - दक्षिण अफ्रीका में जुलू व बोअर पदक।
- 1901 ई. - कलकत्ता कांग्रेस अधिवेशन में प्रथम बार शामिल(अध्यक्षता दिनशा वाचा ने की थी)
- 1902 ई. - जोहान्सबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) में टॉलस्टाय फार्म की स्थापना की।
- 1903 ई. - इंडियन ओपिनियन पत्रिका (दक्षिण अफ्रीका में)
- 1903 ई. - जोहान्सबर्ग में अपनी लॉ फर्म स्थापित की थी जहा वे 1910 तक रहे और वही पर ट्रस्ट्रीशिप के सिद्धांतो को लागू किया था।
- 1904 ई. - डरबन (दक्षिण अफ्रीका) में फीनिक्स आश्रम की स्थापना की(गाँधी जी द्वारा स्थापित प्रथम आश्रम था) यही आश्रम 27 फरवरी 2000 में दोबारा खोला गया।
- 1906 ई. - सत्याग्रह का प्रथम प्रयोग (दक्षिण अफ्रीका में )
- 1908 ई. - जेल जीवन का प्रथम अनुभव।
- 1909 ई. - हिन्द स्वराज की रचना की।
- 1915 ई. - में 9 जनवरी को महात्मा गाँधी भारत वापस आये (अफ्रीका में लगभग 21 वर्ष रहे)
- 1915 ई. - में अहमदाबाद के कोचरब क्षेत्र में सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की और अहमदाबाद में ही साबरमती नदी के पास साबरमती आश्रम की स्थापना की थी।
- 1915 ई. - जमनालाल बजाज कपडा व्यापारी (जन्म -1889 ई.) गाँधी जी सम्पर्क में आये और जीवन भर उनके अनुयायी रहे। (1930 ई. में सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान जेल गए थे)
- 1919 ई. - यंग इंडिया समाचार पत्र
- 1923 ई. - अखिल भारतीय खादी बोर्ड की स्थापना
- 1924 ई. - कांग्रेस अधिवेशन के अध्यक्ष (बैलगाव ,कर्नाटक)
- 1925 ई. - 23 सितम्बर में अखिल भारतीय चरखा संघ की स्थापना।
- 1929 ई. - अनाशक्ति आश्रम (कौसानी ,उत्तराखंड)
- 1932 ई. - हरिजन समाचार पत्र
- 1934 ई. - गाँधी जी ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।
- 1936 ई. - सेवाग्राम आश्रम (वर्धा , महाराष्ट)
- 1948 ई. - 30 जनवरी को नाथूराम गोडसे ने गाँधी जी को गोली मर कर हत्या कर दी थी।
महात्मा गाँधी के आंदोलन व सत्याग्रह :-
चम्पारण सत्याग्रह (1917 ई.):-
- भारत में गाँधी जी का पहला सत्याग्रह
- 3/20 भाग पर नील की खेती के विरुद्ध सत्याग्रह जिसे तिनकठिया पद्धति भी कहते हैं।
- राजकुमार शुक्ल के बुलावे पर चम्पारण(बिहार) गए।
- एन. जी. रंगा ने इस चम्पारण सत्याग्रह का विरोद्ध किया था।
- इस सत्याग्रह के दौरान ही रविंद्रनाथ टैगोर ने गाँधी को महात्मा की उपाधि दी।
- इस सत्याग्रह में गाँधी जी के सहयोगी - आचर्य जे. बी. कृपलानी , राजेंद्र प्रसाद , महादेव देसाई ,एंड्रूज ,डॉ अनुग्रह नारायण सिंह (कृषि जांच समित के सदस्य) आदि।
अहमदाबाद मजदूर आंदोलन (1918 ई.):-
- महात्मा गाँधी द्वारा भारत में प्रथम भूख हड़ताल।
- कारण - अहमदाबाद की कॉटन मिल मालिकों और मजदूरों में प्लेग बोनस को लेकर विवाद।
खेड़ा सत्याग्रह (1918 ई.):-
- प्रथम पूर्ण किसान सत्याग्रह।
- कारण - लगान वसूली के विरोध में।
खिलाफत आंदोलन (1919 ई.):-
- सर्वप्रथम असहयोग आंदोलन की अभिव्यक्ति।
असहयोग आंदोलन (1920 ई.):-
- प्रथम जनआन्दोलन की अभिव्यक्ति।
सविनय अवज्ञा आंदोलन(दांडी मार्च) 1930 ई. :-
- नमक सत्याग्रह।
व्यक्तिगत सत्याग्रह (1940):-
- उपनाम - दिल्ली चलो आंदोलन।
भारत छोड़ो आंदोलन व अगस्त क्रांति (1942):-
- नारा - करो या मरो !
महात्मा गाँधी की प्रमुख उपाधिया :-
उपाधि --- सम्बोधनकर्ता /समय
कैसर -ए -हिन्द -- प्रथम विश्व युद्ध के समय (पहली उपाध)
आधुनिक युग के अज्ञात शत्रु -- डॉ. राजेंद्र प्रसाद
बापू -- सी. एफ एंड्रूज व जवाहरलाल नेहरू
देशद्रोही फकीर/ अर्द्धनग्न फ़क़ीर -- विंस्टन चर्चिल
भिखारियों का राजा -- पं. मदन मोहन मालवीय
राष्ट्रपिता -- सुभाष चंद्र बोस
वन मैन ब्राउन्ड्री फ़ोर्स -- लॉर्ड माउंटबेटन
महात्मा -- रविंद्रनाथ टैगोर (आखरी उपाध)
प्रमुख पुस्तके :-
- सत्य के साथ मेरे प्रयोग (आत्मकथा)
- इंडिया ऑफ़ माई ड्रीम्स
- अनासक्त योग
- हिन्द स्वराज (1909)
- गीता माता
- सप्त महाव्रत (गाँधी जी का वास्तविक दर्शन व पशिचमी सभ्यता का विरोध)
- सुनो विद्यार्थियों
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