बौद्ध धर्म (Bodh dharm )
⇒ भगवान बुद्ध का जीवन परिचय :-
- जन्म - 566 ई.पू./563 ई.पू.
- जन्म का प्रतिक - कमल व सांड
- जन्मस्थान - लुंबिनी वन (कपिलवस्तु -वर्तमान रुम्मिनदेई ,नेपाल )
- दिन - वैशाख पूर्णिमा
- पिता - शुद्धोधन (शाक्य गणराज्य के प्रधान थे )
- माता - महामाया अथवा महादेवी (कोलिय गणराज्य )
- पालन पोषण - महाप्रजापति गौतमी
- विवाह- यशोधरा (अन्य नाम - भद्रा, गोपा,बिम्बा )- 16 वर्ष की उम्र विवाह हुआ था।
- पुत्र - राहुल
- बचपन का नाम - सिद्धार्थ (गोत्र - गौतम )
- ध्यान गुरु - अलार कालाम
- मृत्यु - 483 ई.पू. में 80 वर्ष की आयु में महापरिनिर्वाण हो गया
- मृत्यु स्थान = जिला - कुशीनगर राज्य- मल्ल (U.P)
- मृत्यु का प्रतिक - स्तूप
- दिन - वैशाख पूर्णिमा
- गौतम बुद्ध को 'एशिया के ज्योति पुंज' (Light of Asia) के नाम से भी जाना जाता है।
⇒ गृहत्याग :-
- 29 वर्ष की अवस्था में गृहत्याग कर दिया था।
- गृहत्याग के लिए प्रयुक्त शब्द - महाभिनिष्क्रमण
- सारथी - चन्ना /चाण
- घोडा - कंथक/ कंठक
⇒ ज्ञानप्राप्ति :-
- 35 वर्ष की अवस्था में।
- दिन - वैशाख पूर्णिमा
- वृक्ष - अश्वत्था (पीपल )
- स्थान - गया (बोधगया ,बिहार )
- नदी - निरंजना (लीलाजन ) नदी का तट
- ज्ञान प्राप्ति के बाद ये बौद्ध कहलाये।
⇒ उपदेश :-
- प्रथम उपदेश स्थान - सारनाथ (ऋषिपत्तन /मृगदावपतन )
- प्रथम उपदेश की घटना को "धर्मचक्र परवर्तन " कहा गया।
- नोट :- बुद्ध ने अपना पहला उपदेश 5 ब्राह्माणो को दिया था। (पालि भाषा मे )
- बुद्ध के अन्य नाम - तथागत, शाक्यमुनि, गौतम, कोशलन
- बौद्ध धर्म का सर्वाधिक प्रचार कोसल राज्य मे हुआ।
- इन्होने अपना अंतिम उपदेश सुभद्र को कुशीनगर में दिया।
- सर्वाधिक उपदेश श्रावस्ती में दिया था।
⇒ बुद्ध के प्रमुख शिष्य :-
- उपालि
- आनन्द(प्रिय शिष्य)
- अंगुलिमाल
- शुभध (अंतिम शिष्य )
⇒ महिला शिष्य :-
⇒ प्रमुख बौद्ध संगीतिया :-
प्रथम बौद्ध संगीति
Note:- इस संगीत में 500 भिक्षुओं ने भाग लिया था।
विनयपटिक (उपालि) एवं सुत्तपितक (आनंद) का संकलन किया गया।
द्वितीय बौद्ध सगीति:-
तृतीय बौद्ध संगीति :-
चतुर्थ बौद्ध संगीति :-
⇒ बौद्ध धर्म के दर्शन/शिक्षियें :-
⇨ प्रमुख बौद्ध विद्वान:-
⇨ प्रमुख बौद्ध महाविद्यालय :-
1. वज्रयान :- वर्तमान में यह तिब्बत में प्रचलित है।
2. नीचरीन :- वर्तमान में यह जापान में स्थित है।
Note:-
- महप्रजापति गौतमी (पहली शिष्य )
- आम्रपाली (वैशाली की नगरवधू - यह पुस्तक आचार्य चतुरसेन द्वारा लिखी गयी।)
⇒ प्रमुख बौद्ध संगीतिया :-
प्रथम बौद्ध संगीति
- वर्ष - 483 ईशा पूर्व
- स्थान - राजगृह (सप्तपर्णीगुफा)
- अध्यक्ष - महाकाश्यप
- शासक - अजातशत्रु
Note:- इस संगीत में 500 भिक्षुओं ने भाग लिया था।
विनयपटिक (उपालि) एवं सुत्तपितक (आनंद) का संकलन किया गया।
द्वितीय बौद्ध सगीति:-
- समय - 383 ईसा पूर्व
- स्थान - वैशाली
- अध्यक्ष - सर्वकामी /सवाकामी
- शासक - कालाशोक
- इस संगीति में बौद्ध धर्म 2 समुदायों में विभक्त हो गया
- स्थविर (कट्टर)
- महासंधिक (उदारवादी )
तृतीय बौद्ध संगीति :-
- समय - 250 ईसा पूर्व
- स्थान - पाटलिपुत्र
- अध्यक्ष - मोगलि पुत्त तिस्स
- शासक - अशोक
- अभिधम्म पिटक का संकलन किया गया।
- मोगलिपुत्त तिस्स ने कथावस्तु के नाम से महात्मा बुद्ध की जीवनी लिखी।
चतुर्थ बौद्ध संगीति :-
- समय - 1 शताब्दी ईस्वी
- स्थान - कुण्डलवन (कश्मीर )
- अध्यक्ष - वसुमित्र
- उपाध्यक्ष - अश्वघोष
- शासक - कनिष्क
- इस संगीति के दौरान बौद्ध धर्म का विभाजन 2 सम्प्रदायों में हुआ - 1. हीनयान (कट्टर ) - हीनयान अवस्था का विशालतम एवं सर्वाधिक विकसित शैलकृत चैत्यगृह 'कार्ले' में 2. महायान (उदारवादी )
⇒ बौद्ध धर्म के दर्शन/शिक्षियें :-
- 4 आर्य सत्य (1. दुःख 2. दुःख समुदाय 3. दुःख निरोध 4. दुःख निरोध गामिनी -प्रतिपदा )
- अष्टांगिक मार्ग
- प्रतीत्य समुत्पाद
- दसशील/नियम
- त्रिरत्न - बुद्ध ,धम्म , संघ
⇨ प्रमुख बौद्ध विद्वान:-
- नागार्जुन - प्रथम शताब्दी में चीन भेजा गया।/ शून्यवाद का सिद्धांत दिया।
- अश्वघोष - कनिष्क का दरवारी कवि था।
- बसुबन्धु - पंजाब के प्रसिद्ध बौद्ध /पुस्तक - अभिधम्मकोश - नोट - इस पुस्तक को बौद्ध का विश्वकोश माना जाता है।
- असंग - पंजाब के प्रसिद्ध भिक्षु
- धर्मकीर्ति - इन्हे भारत का कांत कहा जाता है
- नागसेन - पुस्तक - प्रज्ञापारामिता सूत्र
- बुद्धघोष - पुस्तक - विशुद्धिमग्ग/विशुद्धिमार्ग
⇨ प्रमुख बौद्ध महाविद्यालय :-
- नालंदा विश्वविद्यालय - बिहार (कुमारगुप्त प्रथम ने बनवाया था।)
- विक्रमशिला - बिहार (पाल शासक धर्मपाल ने बनवाया था।)
- ओदन्तपुरी - बिहार (पाल शासक गोपाल ने बनवाया था।)
- वल्लभी विश्वविद्यालय - गुजरात
- जगदल्ल - बांग्लादेश (पाल शासक रामपाल ने बनवाया था।)
1. वज्रयान :- वर्तमान में यह तिब्बत में प्रचलित है।
2. नीचरीन :- वर्तमान में यह जापान में स्थित है।
Note:-
- नालंदा में सप्तवर्णी गुफा स्थित हैं।
- सबसे ऊचा 'विश्व शांति स्तूप' बिहार के राजगीर की पहाड़ी पर (400m की ऊचाई) स्थित हैं।
- त्रिपिटक :- सूत्रपिटक (नौतिक एवं सिद्धांत) विनयपिटक अभिधम्म (यमक एवं पिटक)
- बौद्ध की 80 फुट बड़ी प्रतिमा जापानियों ने बोधगया में निर्मित की थी।
- गौतम बुद्ध को कनिष्क के युग में देवता का स्थान मिला था।
- मथुरा में बुद्ध मूर्तियों का निर्माण कुषाण काल में किया गया था।
- भूमिस्पर्श मुद्रा की सारनाथ की बुद्ध मूर्ति गुप्तकाल से सम्बंधित हैं।
- बोधिसत्व पद्मपाणि का चित्र सर्वाधिक प्रसिद्ध और प्रायः चित्रित चित्रकारी अजंता मे हैं।
- शैलकृत गुफा में ग्यारह सिरों में बोधिसत्व का अंकन कन्हेरी मे मिलता है।
- सुल्तानी युग(मध्यकाल) में बोद्धो की वज्रयान शाखा सबसे प्रभावशाली थी
- स्तूप शब्द ऋगवेद में मिलता है। Jain dharm notes in hindi
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Bodh dharm Best note
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